जम्मू-कश्मीर में दो महीने से ज्यादा समय तक सूखे के बाद अगले 48 घंटों के दौरान बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 20 दिसंबर की देर शाम से ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश का अनुमान जताया है। स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए बताया कि 20 और 21 दिसंबर की दरमियानी रात को केंद्र शासित प्रदेश के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश होने की उम्मीद है। यह 21 दिसंबर की देर दोपहर तक जारी रह सकती है।
अधिकारी ने बताया कि गांदरबल, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों के कुछ ऊंचे इलाकों में खासकर 21 दिसंबर को भारी बर्फबारी हो सकती है। बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और गांदरबल जिलों के अधिकारियों ने एडवाइजरी जारी कर ऊंचे इलाकों में रहने वाले लोगों से बर्फबारी के दौरान अपने घरों से बाहर न निकलने को कहा है।
पिछले दो महीनों में नदियां, झरने, सोते और झीलें सूखे से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिसका गंभीर प्रभाव जल निकाय पर भी देखने के लिए मिला है। लंबे समय तक सूखे के कारण बीमारियां बढ़ गई हैं और आजकल घाटी के अस्पतालों में सर्दी, सूखी खांसी और फ्लू आम शिकायतें बन गई हैं। डॉक्टरों ने लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी है कि वे लंबे समय तक ठंडी और सर्द हवा के संपर्क में न रहें।
कड़ाके की सर्दी का 40 दिन का समय जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है, 21 दिसंबर से शुरू होगा और 30 जनवरी को खत्म होगा। इस दौरान, घाटी में अधिकांश जल निकाय जम जाते हैं क्योंकि न्यूनतम तापमान माइनस 6 से माइनस 8 डिग्री सेल्सियस के बीच गिर जाता है। चिल्लई कलां के दौरान दिन का तापमान दो अंकों से नीचे रहता है, जिससे न्यूनतम और अधिकतम तापमान के बीच का अंतर कम हो जाता है।
आज शुक्रवार को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 2.1 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में माइनस 2.6 और गुलमर्ग में एक डिग्री था। जम्मू शहर में 9.9 डिग्री सेल्सियस, कटरा में 9.2, बटोटे में 6.7, बनिहाल में 3.5 और भद्रवाह में 2.3 डिग्री न्यूनतम तापमान था।